दिन प्रतिदिन तोड़ते हां विश्वास की डोरी, अपने और बैगाने की सोच पाले हैं अन्दर ! दिन प्रतिदिन तोड़ते हां विश्वास की डोरी, अपने और बैगाने की सोच पाले हैं अन्दर...